राजस्थान में बदलेगी अटल सेवा केन्द्रों की तस्वीर, ग्रामीणों को घर बैठे मिलेंगी ये सेवाएं
जयपुर । प्रदेश की सभी दस हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों की दो महीने में तस्वीर बदल जाएगी। सभी पंचायतों में स्थित अटल सेवा केन्द्रों पर ग्रामीणों को घर बैठे साढ़े तीन सौ सेवाएं मिलना शुरू हो जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को वाई-फाई से जोड़ दिया जाएगा। यह जिम्मा राज्य सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने उठाया है। आईटी के क्षेत्र में लगातार दूसरी बार सीएसआई निहिलेंट पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले राज्य सरकार के इस विभाग ने अपनी कार्य योजना तैयार की है कि आगामी 31 मार्च तक सभी अटल सेवा केन्द्रों को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाएगा। हर पंचायत में आईपी टेलीफोन के साथ ही स्काडा लगाया जाएगा। स्काडा सुविधा से अटल सेवा केन्द्रों पर चौबीस घण्टे बिजली उपलब्ध रहेगी। आईटी विभाग के सूत्रों के अनुसार अटल सेवा केन्द्रों पर सभी विभागों की सरकारी और गैर सरकारी साढ़े तीन सौ सेवाएं आॅनलाइन मुहैया होगी। पंचायतों में राजनेट के माध्यम से कनेक्टिविटी निश्चित की जा रही है। सभी ग्राम पंचायतों में 31 मार्च से पहले एटीएम की सेवाएं चालू कर दी जाएगी। ये एटीएम कैश कलेक्शन का काम भी करेंगे। इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। आईटी के क्षेत्र में चालू वित्तीय वर्ष में करीब 850 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गांवों में आईटी के क्षेत्र में सुविधाएं मुहैया कराने वाला दुनिया का सबसे बड़ा तंत्र का तमगा लेने वाला राजस्थान पहला प्रदेश बन गया है। आईटी विभाग के 52 हजार कियोस्क के माध्यम से हर महीने करीब 70 लाख लोग सेवाएं ले रहे हैं।
आईटी विभाग के लिए आने वाले दो महीने काफी महत्वपूर्ण हैं। शहरों की तर्ज पर गांवों में भी लोगों को घर बैठे सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आईटी के क्षेत्र में राजस्थान को लगातार दूसरी बार सीएसआई निहिलेंट अवार्ड के लिए चुना गया है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से राजस्थान की जनता को सरकारी एवं निजी सेवाओं का लाभ पहुंचाना ही आईटी विभाग का मुख्य उद्देश्य है।
-अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग
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